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Zomato को हुआ क्वार्टर रिजल्ट में नुकसान आ सकती हैं गिरावट ?

भारत की डिजिटल फूड डिलीवरी दिग्गज एटर्नल (Zomato) ने वित्त वर्ष 2025‑26 की दूसरी तिमाही (जुलाई‑सितंबर) के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजों में एक तरफ कंपनी के बिजनेस विस्तार को लेकर तेज़ी दिखी है, वहीं दूसरी तरफ नेट प्रॉफिट में बड़ी गिरावट ने निवेशकों को मायूस कर दिया है।

मुनाफे में 63% की गिरावट

कंपनी का नेट प्रॉफिट घटकर ₹65 करोड़ रह गया, जो पिछले साल के मुकाबले 63% कम है। वहीं कुल खर्च बढ़कर ₹13,813 करोड़ तक पहुँच गया।
हालांकि तिमाही आधार पर थोड़ा सुधार देखा गया, क्योंकि जून तिमाही का लाभ ₹25 करोड़ था। लेकिन कैश बैलेंस घटकर ₹18,314 करोड़ रह गया।
कंपनी ने इस दौरान एक नई सामाजिक शाखा, Eternal Foundation, की शुरुआत का भी ऐलान किया है, जो CSR गतिविधियों पर ध्यान देगी।

रेवेन्यू में बंपर तेजी

कमाई के मोर्चे पर कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया — कुल रेवेन्यू ₹13,590 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 183% की उछाल है।
रिपोर्ट जारी होने से पहले शेयर में 3.91% की तेजी आई और यह ₹368.40 तक गया, लेकिन कमजोर प्रॉफिट आंकड़ों के बाद शेयर गिरकर ₹338.25 तक फिसल गया।
दिन के अंत तक मामूली सुधार के साथ यह ₹348.40 पर बंद हुआ, जो पिछले सत्र से लगभग 1.73% नीचे था।

जोमैटो फूड डिलीवरी में मजबूती

फूड डिलीवरी सेगमेंट में लगातार ग्रोथ देखी गई है।

  • एडजस्टेड रेवेन्यू बढ़कर ₹2,863 करोड़ हुआ (जून में ₹2,657 करोड़)
  • ऑर्डर वैल्यू (NOV) ₹9,423 करोड़ तक पहुँचा
  • मासिक सक्रिय ग्राहक संख्या जून में 2.29 करोड़ से बढ़कर सितंबर में 2.41 करोड़ हुई

यह आंकड़े दिखाते हैं कि ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग का ट्रेंड स्थायी रूप से बढ़ रहा है।

आउटिंग बिजनेस में गिरावट

जोमैटो के खाने बाहर जाने वाले यानी “Going Out” बिजनेस को इस तिमाही में झटका लगा।
रेवेन्यू 26% घटकर ₹189 करोड़ पर आ गया, जबकि जून में ₹207 करोड़ था।
हालांकि सालाना आधार पर इसमें सुधार हुआ है — कुल ऑर्डर वैल्यू ₹2,063 करोड़ तक बढ़ी है। इसका मतलब है कि लोग बाहर कम जा रहे हैं, लेकिन जो जाते हैं वे ज्यादा खर्च कर रहे हैं।

ब्लिंकिट का प्रदर्शन — घाटे में लेकिन ग्रोथ जबरदस्त

ब्लिंकिट क्विक डिलीवरी सर्विस को ऑपरेटिंग घाटे का सामना करना पड़ा।

  • सितंबर तिमाही में नुकसान ₹156 करोड़ का रहा (पिछले साल ₹8 करोड़)
  • लेकिन रेवेन्यू 756% बढ़कर ₹9,891 करोड़ पहुँच गया (जून में ₹2,400 करोड़)

यह ग्रोथ डार्क स्टोर्स के तेजी से विस्तार और इन्वेंट्री ओनरशिप मॉडल को अपनाने के कारण आई है। कंपनी अब सामान खुद रखकर बेच रही है।

ब्लिंकिट के ऑर्डर में 137% उछाल

ऑर्डर वैल्यू सालाना आधार पर 137% बढ़कर ₹11,679 करोड़ हुई।
औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV) जून में ₹521 से बढ़कर ₹524 हुई, जबकि पिछले साल के ₹531 के मुकाबले थोड़ा कम रही।
सबसे अहम — ब्लिंकिट के डार्क स्टोर्स अब 791 से बढ़कर 1,816 हो गए हैं।
महीनेभर में खरीदारी करने वाले यूजर्स (MTU) भी 89 लाख से बढ़कर 2.08 करोड़ तक पहुँच गए हैं, जो ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी में तेजी का मजबूत संकेत है।

निवेशकों के लिए संक्षिप्त संकेत

  • रेवेन्यू में मजबूत ग्रोथ के बावजूद गिरता मुनाफा चिंता का विषय है।
  • कंपनी का डिलीवरी नेटवर्क और ग्राहक आधार लगातार बढ़ रहा है।
  • यदि खर्च नियंत्रण और ऑपरेटिंग दक्षता में सुधार हुआ, तो आने वाले क्वार्टर में रिटर्न बेहतर दिख सकते हैं।

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